click to generate your own textclick to generate your own textclick to generate your own textclick to generate your own textclick to generate your own textclick to generate your own textclick to generate your own textclick to generate your own textclick to generate your own textclick to generate your own textclick to generate your own textclick to generate your own textclick to generate your own textclick to generate your own textclick to generate your own textclick to generate your own textclick to generate your own textclick to generate your own textclick to generate your own textclick to generate your own textclick to generate your own textclick to generate your own textclick to generate your own textclick to generate your own textclick to generate your own textclick to generate your own textclick to generate your own textclick to generate your own textclick to generate your own text इस वेबसाइट को अपना मुखपृष्ठबनाए Advertise with us brajeshkdb@yahoo.com
   
 
  दही चुरा चीनी

 दही  चुरा  चीनी 

खट्टर काका दालान पर बैसल भांग घोटेत छलाह | हमरा अबैत देखि  बजलाह ------ ओम्हर  मिरचाई रोपल छैक , घूमि क आवह |
हम कहलिएन्ह -- खट्टर काका , आइ जयवारी भोज छैक , सैह से सूचित करए आइल छी
खट्टर काका पुलकित होइत  बजलाह -- वाह वाह ! तखन सोझे  चली आबह | कह भोज मैं होतै की सब !
हम कहलिएन्ह -- दही  चुरा  चीनी |
खट्टर काका-- बस, बस, बस |  सृस्टी मे सब सँ उतकृस्ट  पदार्थ  इहे थीक | गोरस  मैं सब स मांगलिक वस्तु दही -- अन्न  मैं  सबहक  चूरामणि चुरा --- मधुर मैं सबहक मूल चीनी  | एही तीनूक  संयोग बुजह तहँ त्रिवेणी संगम थीक | हमरा तहँ त्रिलोकक अन्नंद एही मे  भुजी पर्रेत अछी | चुरा भूलोक !  दही भूवलोर्क !  चीनी स्वर्लोक !
हम बूझ गेलों की खट्टर काका  एखन तरंग में छति | सब्त अदभुते बजताह | अतैव  काज अछैतो  गप सुनवाक लोभे बैसि गेलों |
खट्टर काका बजलाह --- हम त  बुझई  छिये एही भोजन सँ  सांख्य दर्शनक उत्पति भेल अछी |
हम चकित होइत पुछलिएन्ह -- एं ! एही दही  चुरा  चीनी स सांख्य दर्शन ! से कोना 
खट्टर काका  बजलाह -- एखन कोनो हरबरी त नैइ  छोह  तखन बैस जाह | हमर बिस्वास अछी जे  कपिल मुनि दही चुरा चीनी  क अनुभव पर तीनू गुणक वर्णन क गेल छथि | 
दही सत्वा  गुण | चुरा तमौ गुण | चीनी रजो गुण |
हम कहलिएन्ह -- खट्टर काका अहाँक सभटा  कथा त अदभूते  होइत अछी | इह हाँ कतो नै सूनने छैल्हों |
खट्टर काका बजलाह --  हमर कोन बात एहन होइ अछी जे  तों आन ठाम  सुनी सक्बह 
हम -- खट्टर काका , त्रिगुनक अर्थ  दही चुरा चीनी से कोना बहार कैलियेक 
खट्टर काका-- देखह, असल सत्व दहिए में रहैत छै | तैं एकर नाम सत्व | चीनी गर्दा होइ छै तैं रज | चुरा रुच्तम होइ छै तैं तम |
हम-- एही दिस हमर ध्यान नै गेल छल |
खट्टर काका व्याख्या करैत बजलाह -- देखह तम के अर्थ ची अंधकार | तैं छुछ चुरा पात पर रहने अन्खिक  आगा अन्हार भ जाई छैक | जखन उज्जर दही ओई पर परी जाई छैक तखन प्रकाशक  उदय  होइ छैक | तैं सत्व गुण के प्रकाशक कहल गेल अछि | और बिना रजो गुण  त क्रियाक प्रवर्तन होइत नै छै | तैं चीनी के योग वेत्रक खाली चुरा दही  नहीं  घोटा सकैत छैत | आब बुझलह !
हम -- धन्य छि खट्टर काका ! अन्हां  जे नै सिध्ह क दी !
खट्टर काका -- देखह , सांख्यक मत सँ प्रथम विकार होई छैक महत वा बुद्धी | दही चुरा चीनी खैला के उपरांत  पेट में फुइएल क पसरैत छै | एही अवस्था में गप्प खूब फुरैत छै तं महत्व कहू या बुद्धि बात एकै थीक | परन्तु एकरा लेल सत्व गुणक अधिक होवक चाही  अर्थात दही बैसि होवक चाही |
हम कहालिएंह --लेकिन खट्टर काका ! पाछिमाहा सब त दही चुरा चीनी पर हँसैत छथि |
खट्टर काका बजलाह -- हौ सातू लिट्टी  खैनिहार दधि-चुरा के सौरभ की बुझताह ! पश्चिम के जेहन माटी बज्जर , तेहने अन्न बज्जर , तेहने लोको बज्र सन !  चुरा भेलाह  पृथ्वी ! तत्त्व दही जल तत्त्व ! चीनी अग्नी तत्त्व ! तैं  कफ़ पित  वायु - तीनू दोष  के शमन करबाक सामर्थ्य एही में छै |
हम -- खट्टर काका अपना सबहक प्रधान मधुर की थीक 
खट्टर काका-- अपना सबहक प्रधान मधुर थीक खाजा | देहात मैं मिठाई कहने ओकरे बोध होइछई | खाजा नै रसगुल्ला जका स्निग्ध होइ छै  नै लड्डू जका ठोस | तैं हमरा सब में नै बंगाली जका स्नेह अछि और नै पंजाबी जका दृढ़ता | आ खाजा में प्रत्येक परत फराक-फराक रहैत छै ,से अपनों सब मैं रहिते अछि |
हम -- वास्तव में खट्टर काका ! अन्हां ठीके कहै छि | गाम-गाम में गोलेसी , घर-घर में पट्टीदारी झगरा | कचहरी में पागे पाग देखइत अछि से किया 
खट्टर काका -- एकर कारन जे हमरा लोकेन  आमिल मिरचाई बैसि खाइएत छि तितो में कम रूचि नै  नीम ,भांटा, करेला, पटुआ के झोर ...हौ जेहे गुण कारण में रहते सहे न कार्य में प्रकट हेतैक  स्वाइत हम सभ अपना में कटाउझ करैत छि 
हम -- परन्तु बंगाली सभ में एतैक प्रेम कियक 
खट्टर काका -- औ  सभ प्रत्येक वस्तु में मधुर के योग देत छथि | दाईलो मीठ , तरकारियो मीठ, माछो मीठ ! तखन कोना नै माधुर्य रह्तइए | अपनों जाती में एहना मीठ व्यबहार लयब तखन न ! तैं  हम कहैत छि जे अपन जाति में जौं संगठन करवाक हो त मधुरक बैसि प्रचार करह | ई  कहि खट्टर काका भांग के लोटा उथैलेनंह और दू चारी  बूँद शिव  जी के नाम पर छीटी घ्त्घट  क सभटा पीवि गेलाह 

लेखक :-- हरिमोहन झा 
पब्लिशर( किताब ) :-- भारती भवन 

मिथिला मंच  
 
brajeshkdbc@yahoo.com
 
The owner of this website hasn't activated the extra "Toplist"!
Facebook 'Like' Button
 
Show Your Appreciation Join Us
 

Google Image Result for https://lookaside.fbsbx.com/lookaside/crawler/media/?media_id=100935704595932

null

Advertise With Us
 

मिथिलांचल की ताज़ा ख़बर, ब्रेकिंग न्यूज़ in Hindi - NDTV India

Know about मिथिलांचल in Hindi on Khabar.NDTV.com, Explore मिथिलांचल with Articles, Photos, Video, न्यूज़, ताज़ा ख़बर in Hindi with NDTV India

Advertise With Us
 
Website Owner Brajesh Kumar
 
Total, there have been 56594 visitors (104539 hits) on this page!
This website was created for free with Own-Free-Website.com. Would you also like to have your own website?
Sign up for free