इनका जन्म १९११ ई० में बिहार के मधुबनी जिला के अंतर्गत आने वाले सतलखा गाँव में हुआ था | उन्होने अपने काव्य यात्रा की शुरुआत अपनी मातृभाषा मैथिलि में लिखे हुए कविता से की थी |
रामधारी सिंह "दिनकर"
इनका जन्म 23 सितंबर1908 को सिमरिया, मुंगेर, बिहार में हुआ था। पटना विश्वविद्यालय से बी. ए. की परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद वे एक विद्यालय में अध्यापक हो गए। 1934 से1947तक बिहार सरकार की सेवा में सब-रजिस्टार और प्रचार विभाग के उपिनदेशक पदों पर कार्य किया। 1950 से 1952 तक मुजफ्फरपुर कालेज में हिन्दी के विभागाध्यक्ष रहे, भागलपुर विश्वविद्यालय के उपकुलपति के पद पर कार्य किया और इसके बाद भारत सरकार के हिन्दी सलाहकार बने। उन्हें पदमविभूषण की से भी अलंकृत किया गया। पुस्तकसंस्कृति के चार अध्याय के लिये आपको साहित्य अकादमी पुरस्कार तथा उर्वशी के लिये भारतीय ज्ञानपीठ पुरस्कर प्रदान किये गए। अपनी लेखनी के माध्यम से वह सदा अमर रहेंगे।
बाबू देवकी नंदन खत्री
रामबृक्ष बेनीपुरी
जानकी वल्लभ शास्त्री
अनामिका
ल॑खक
राय प्रभाकर प्रसाद (जन्म गान्व भरथआ, बाद म॑ पटना म॑ बस॑)
स्वतंत्रता सेनानी
खुदीराम बोस
जुब्बा साहनी
राजनैतिक हस्तियाँ कर्पूरी ठाकुर
कर्पूरी ठाकुर एक भारतीय राजनेता है और बिहार के मुख्यमंत्री रह चुके है। कर्पुरी ठाकुर (24 जनवरी 1924-18 फरवरी 1988) भारत के स्वतंत्रता सेनानी, शिक्षक, राजनीतिज्ञ तथा बिहार राज्य के मुख्यमंत्री रहे हैं।
कर्पूरी ठाकुर का जन्म बिहार में समस्तीपुर के एक गाँव पितौंझिया, जिसे अब कर्पूरीग्राम कहा जाता है, में हुआ था।
वह जन नायक कहलाते हैं। सरल और सरस ह्र्दय के राजनेता माने जाते थे। सामाजिक रुप से पिछडी किन्तु सेवा भाव के महान लक्ष्य को चरितार्थ करती नाई जाति में जन्म लेने वाले इस महानायक ने राजनीति को भी जन सेवा की भावना से जिया।
चंदेश्वर प्रसाद नारायण सिंह- नेपाल तथा जापान के राजदूत पंजाब तथा उत्तर प्रदेश के राज्यपाल रहे
रामेश्वर प्रसाद सिन्हा- प्रसिद्ध राजनीति़ज्ञ तथा संविधान सभा के सदस्य
महेश प्रसाद सिन्हा
राम दयालु सिंह
जयनारायण निषाद- राज्य सभा तथा लोकसभा के सदस्य
मनोरंजन
उदित नारायण झा
शारदा सिन्हा
brajeshkdbc@yahoo.com
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